HINDI GRAMMAR: Corruption Hindi Nibandh // भ्रष्टाचार एक समस्या // Nibandh // Hindi Vyakaran

Tuesday, January 23, 2018

Corruption Hindi Nibandh // भ्रष्टाचार एक समस्या // Nibandh // Hindi Vyakaran

Corruption Hindi Nibandh 
(Nibandh 200-300 words)
   भ्रष्‍टाचार एक समस्या पर निबंध

(निबंध 200-300 शब्द)
भ्रष्टाचार आधुनिक समाज में एक विकट समस्या बन कर उभरा है आज एक छोटे से छोटे कर्मचारी से लेकर बड़े से बड़े अधिकारी तक भ्रष्टाचार ने अपनी जड़े जमा रखी हैंं। इस भौतिकतावादी युग में आज प्रत्येक व्यक्ति अधिक से अधिक धनोपार्जन की इच्छा रखता है और वह इसके लिए अनैतिक और भ्रष्ट तरीकों का इस्तेमाल करने से भी पीछे नहीं हटता। उसकी यही इच्छा उसे भ्रष्टाचार करने पर विवश करती है। यह समस्या आज भारत में और भी अधिक व्यापक रूप से फैलती जा रही है। जो हमारी वैदिक सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों को गहरा आघात पहुंचा रही है।
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 भ्रष्टाचार का शाब्दिक भ्रष्टाचार का शाब्दिक अर्थ है भ्रष्टा+ अचार। अर्थार्थ भ्रष्ट हो जिस व्यक्ति का आचरण ।  भ्रष्ट शब्द के कई अर्थ निकलते हैं। जैसे रास्ते से विमुख बुरे आचरण वाला और ध्वस्त आदि। इसलिए भ्रष्टाचार का अभिप्राय होता है। वह व्यक्ति जो अपने स्वार्थ प्रवृत्ति के लिए या अनैतिक तरीके से धन जमा करता है। उसे भ्रष्टाचार कहते हैं
भ्रष्टाचार के आज भारत में फैलने के कारण बहुत है। जैसी बढ़ती जनसंख्या गरीबी अशिक्षा और महंगाई इत्यादि। भ्रष्टाचार के उदाहरण हमें इतिहास के पन्नों में मिल जाते हैं। हर्ष कालीन एवं राजपूत कालीन भारत में सामंती प्रथा ने भ्रष्टाचार को बढ़ाया इसके विपरीत सल्तनत काल में भी फिरोजशाह के शासन में सेना के भ्रष्टाचार के प्रमाण हमें मिले हैं। मुगलों के समय तथा अंग्रेजों के शासन के समय भ्रष्टाचार भारत की जड़ों तक फैल चुका था हमारी पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने एक बार कहा था कि ''उन मंत्रियों से सावधान रहना चाहिए जो बिना पैसे के कुछ भी नहीं कर सकते और उनसे भी जो पैसे लेकर कुछ भी करने की इच्छा रखते हैं।''


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भारत में भारत में भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए अनेक आंदोलन हुए श्री अन्ना हजारे ने भारत के युवाओं को संगठित कर, भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया और परिणाम स्वरुप जन लोकपाल विधेयक को अस्तित्व में लाए। हमारे समाज से भ्रष्टाचार को मिटाना है तो हमें अपने बच्चों में नैतिककता, कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी की शिक्षा को बढ़ावा देना होगा। हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा था कि ''यदि किसी देश को भ्रष्टाचार मुक्त और सुंदर मन वाले लोगों का देश बनाना है तो मेरा दृढ़तापूर्वक मानना है कि समाज के तीन प्रमुख सदस्य माता पिता और गुरु यह कार्य कर सकते हैं।''
समाप्त।
आशा है आपको ये निबंध पसंद आया होगा। निबंध को आपने मित्रों के साथ साँझा करे और आपने विचार दें।

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