HINDI GRAMMAR: संज्ञा किसे कहते हैं हिंदी व्याकरण // What is noun in Hindi

Wednesday, January 31, 2018

संज्ञा किसे कहते हैं हिंदी व्याकरण // What is noun in Hindi

संज्ञा

संसार में कोई भी वस्‍तु या व्‍यक्‍त्‍िा हो उसका कोई नाम होता है, उसे ही संज्ञा कहते हैं।
  • नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंंत्री हैं।

संज्ञा की परिभाषा

किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, स्थिति, भाव, नाम आदि का बोध कराने वाले शब्द को संज्ञा कहते हैं। जैसे- राम, इमानदारी, बुढ़ापा, दिल्ली आदि।

संज्ञा के कितने भेद होते हैं

संज्ञा के तीन भेद माने जाते हैं

  • व्यक्तिवाचक संज्ञा।
  • जातिवाचक संज्ञा
  • भाववाचक संज्ञा।


व्यक्तिवाचक संज्ञा:- 

जो शब्द किसी व्यक्ति वस्तु स्थान या किसी प्राणी के नाम का बोध कराते हैं उन्हें व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं जैसे मोहन, सोहन, गंगा, यमुना आदि।

जातिवाचक संज्ञा:-  

जो शब्द किसी प्राणी पदार्थ या समुदाय की जाति का बोध कराते हैं उन्हें जातिवाचक संज्ञा कहा जाता है। जैसे कुत्ता, हाथी, सेना, मनुष्य, देश आदि यह शब्द प्राय संपूर्ण जाति का बोध कराते हैं। किसी एक मनुष्य एक कुत्ते एक हाथी एक प्रांत और एक देश है का नहीं।

          जातिवाचक संज्ञा के दो उपभेद माने जाते हैं

द्रव्यवाचक संज्ञा:- 

द्रव वाचक पदार्थ या धातु का बोध कराने वाले शब्द को उधर वाचक संज्ञा कहते हैं      जैसे सोना चांदी लोहा तांबा लकड़ी इत्यादि

 समूहवाचक संज्ञा:-

 जो शब्द किसी समूह या समुदाय का बोध कराते हैं उन्हें समूहवाचक संज्ञा कहते हैं     जैसे कक्षा दल इत्यादि।

भाववाचक संज्ञा:- 

जो शब्द किसी व्यक्ति अथवा वस्तु के गुण, दोष, दशा,व्‍यापार, धर्म, स्वभाव, अभाव का बोध कराते हैं, उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं जैसे-
गुण दोष-      चौड़ाई लंबाई सुंदरता चतुराई ऊंचाई नीचाई आदि।
दशा-             बुढ़ापा योवन प्यास बचपन बुक आदि।
भाव-             आशा क्रोध भाव आशा स्वार्थ क्रोध शांति निराशा मित्रता शत्रुता प्रेम इत्यादि।
कार्य-             प्रशंसा सलाह निंदा सहायता आदि।

संज्ञा के भेदों का रूपांतरण:-

 व्यक्तिवाचक व्यक्तिवाचक संज्ञा का जातिवाचक संज्ञा में रूप परिवर्तन:-

कई बार व्यक्तिवाचक संज्ञा जातिवाचक संज्ञा के रूप कई बार व्यक्तिवाचक संज्ञा जातिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयुक्त होने लगती है जैसे:-क) विभीषणों से बचो।  यहां विभीषणों किसी एक व्यक्ति के लिए प्रयुक्त ना होकर घर वेदियों के लिए प्रयुक्त हुआ है। इसलिए यह व्यक्तिवाचक संज्ञा न होकर जातिवाचक संज्ञा है।

 जातिवाचक संज्ञा के जातिवाचक संज्ञा का व्यक्तिवाचक संज्ञा में रूपांतरण:-

कई बार कई बार जातिवाचक संज्ञा का प्रयोग व्यक्तिवाचक संज्ञा के रूप में होने लगता है क्योंकि वह जातिवाचक शब्द कभी कभी किसी एक विशेष व्यक्ति या स्थान के अर्थ के रूप में प्रयोग हो जाते हैं जैसे:-
महात्मा जी ने हिंसात्मक आंदोलन चलाया।
यहां महात्मा जी यहां महात्मा जी गांधीजी के लिए प्रयुक्त हुआ है जो व्यक्तिवाचक संज्ञा के उदाहरण है।

 भाववाचक संज्ञा का जातिवाचक संज्ञा में रूपांतरण:-

जब भाववाचक संज्ञा शब्दों का जब भाववाचक संज्ञा शब्दों का बहुवचन के रूप में प्रयोग किया जाता है तो वह जातिवाचक संज्ञा बन जाते हैं जैसे:-
बुराइयों से हमेशा दूर रहना चाहिए।

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